Remember not only to say the right thing in the right place, but far more difficult still, to leave unsaid the wrong thing at the tempting moment.
- Benjamin Franklin
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद।
जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं,
सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल, तय कर लेना कुछ खेल नहीं।
दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते, सम्मुख चलता पथ का प्रसाद,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद।
- Unkown
- shared by abhishek mehta
- shared by abhishek mehta
0 comments:
Post a Comment