ना रख अपने आप को, तू इस तरह संभाल कर, एक चादर को ओढ़, अपने कंधे पर डाल कर, समुंदरी शीत लहरों का प्रभाव, तुझसे कभी न रुकेगा, कुदरत की कहर के आगे, तू भी मिटटी में मिल जाएगा.

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