एक मीठी सी रचना

सुंदरता हो न हो सादगी होनी चाहिए
खुशबू हो न हो महक होनी चाहिए
रिश्ता हो न हो बंदगी होनी चाहिए
मुलाकात हो न हो, बात होनी चाहिए......!

यूं तो उलझे है सभी अपनी उलझनों में
पर सुलझाने की कोशिश हर बार होनी चाहिए.......!
इस जीवन की चादर में
सांसों के ताने बाने हैं
दुख की थोड़ी सी सलवट है
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं
क्यों सोचे आगे क्या होगा
अब कल के कौन ठिकाने हैं
ऊपर बैठा वो बाजीगर 
जाने क्या मन में ठाने है
चाहे जितना भी जतन करे
भरने का दामन तारों से
झोली में वो ही आएँगे
जो तेरे नाम के दाने है 

- Unknown

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